Thursday, 22 November 2012

कुछ दगडी यास हूनी ,
जो दील मैं बस जनि .
जो ज़िन्दगी क बाट मै ,
हमू थै बिछड़ जनि ,
कुछ दगडी यास हुनी ,
जो रात मैं याद औनी .
और रातों कै ऐकले मै रुलौनी
कुछ दगडी यास हूनी ,
जो फूलों की जास हुनी .
जो खुद त न्हें जनि ,
पर आपैनी खुशबु पाछिल छोड़ जनि .
कुछ दगडी यास हूनी ,
जो ज़िन्दगी त दिनी ,
पर ज़िन्दगी क बाट मै ऐकैलै छोड़ जनि .
कुछ दगडी यास हुनी,
जो चाँद क जास हुनी ,
जमें दाग त बहुत हुनी ,
फीर लै भल देखिनी .
कुछ दगडी यास हुनी,
जो ढुंग जस दील धरनी ,
जो शीशा -ऐ -दील तोड़ जनि ,,,,,,,,,,,,,,
तुम...इन सबु मैं अनमोल छा .
भगवान् कै धन्यवाद ...आपु जस दोस्त मेगे मीला .

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