Sunday, 14 October 2012

उड जा पंछी...2 
ले जा तु पहाडा सुवा कै बत्ता दिए म्यर दिलक हाल चाल...... उड जा पंछीऽऽऽ........
आश्मान पडी र काल बादल पहाडा....
का हनेली सुवा कस बीती होली य्वीका दगडा......
उड जा पंछीऽऽऽ......
सुण ओ पंछी सुण मेरो संदेशा....
सुवा तै कै दिए मैँ कुशल परदेशा.......
उड जा पंछीऽऽऽ....
घर युल महैण फाल्गुना तु बाट चा रैए झन झुराए तन मन....
उड जा पंछीऽऽऽ....
चैत महिणा पाकी होलि काफल मेरी सुवा तु खाणी रैए चैत की य नयी फल...
उड जा पंछीऽऽऽ....
ले जा तु पहाडा सुवा कै बत्ता दिए म्यर दिलक हाल चाल...... उड जा पंछीऽऽऽ............!!! 

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